केरल के एक कोर्ट ने 13 मई को 35 साल के कैडल जीनसन राजा को (Cadell Jeansen Raja) अपने माता-पिता, बहन और चाची की हत्या करने का दोषी पाया है. ये हत्याएं उसने नंथनकोड में अपने घर में ही तीन दिनों के अंदर की थीं.
केरल में 28 साल के लड़के ने अपने मां-बाप, बहन और चाची की हत्या की थी, अब कोर्ट ने ठहराया दोषी
Nanthancode mass murder case: कैडल जीनसन राजा अपने माता-पिता और बहन को बारी-बारी से अपने घर की पहली मंजिल पर मौजूद अपने कमरे में ले गया. उनसे कहा कि वो उन्हें एक नया वीडियो गेम दिखाना चाहता है, जो उसने ख़ुद बनाया है. अब पता लगी इस मर्डर की कहानी.

तिरुवनंतपुरम के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट VI के जज विष्णु के. ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने कैडेल जीनसन राजा को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या के चार मामलों में दोषी पाया. उसे IPC की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) और धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग के इस्तेमाल) के तहत अपराधों का भी दोषी पाया गया.
कब, क्या हुआ?मृतकों में कैडल के माता-पिता शामिल हैं. कैडल के पिता राजा थंकम रिटायर्ड प्रोफेसर थे. उसकी मां जीन पद्मा डॉक्टर थीं. वहीं, उसकी बहन कैरोलीन और चाची ललिता भी मृतकों में शामिल हैं. ये सभी एक ही घर में रहते थे. हत्याएं 5 से 8 अप्रैल, 2017 के बीच तिरुवनंतपुरम के नंथनकोड इलाक़े में हुई थीं.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, 5 अप्रैल को कैडेल अपने माता-पिता और बहन को बारी-बारी से अपने घर की पहली मंजिल पर मौजूद अपने कमरे में ले गया. उनसे कहा कि वो उन्हें एक नया वीडियो गेम दिखाना चाहता है, जो उसने बनाया है. कमरे में उसने ऑनलाइन ख़रीदे गए चाकू से उन पर हमला कर दिया.
अगले 48 घंटों तक उसकी चाची ललिता घर के ग्राउंड फ्लोर पर रहीं और उन्हें पता ही नहीं चला कि ऊपर क्या हुआ था. बाद में उनकी भी हत्या कर दी गई. 8 अप्रैल की रात को कैडेल ने अपने पिता, मां और बहन के शवों को आग लगा दी.
जब आग बेकाबू हो गई, तो वो भागकर लगभग 800 किलोमीटर दूर चेन्नई चला गया. बाद में उसने दावा किया कि चेन्नई में उसने टीवी पर अपने परिवार के सदस्यों की हत्या की खबरें देखीं. फिर उसने तिरुवनंतपुरम वापस आने का फ़ैसला किया.
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क्या दलीलें दी गईं?सुनवाई के दौरान कैडल जीनसन राजा ने दावा किया था कि वो मानसिक रूप से बीमार था और हत्याएं एक 'गुप्त प्रयोग' का हिस्सा थीं. उसने बताया कि वो अपने घरवालों की आत्माओं को उनके शरीर से निकलते हुए देखना चाहता था.
मुकदमे के दौरान कैडेल ने तर्क दिया कि वो सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित है. लेकिन प्रोसिक्यूशन पक्ष ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी में ऐसी मानसिक स्थिति होने का कोई सबूत नहीं है. बता दें, सिज़ोफ्रेनिया ऐसी दिमागी बीमारी है, जिसमें लोगों को प्रेत-आत्मा जैसी चीज़ों पर भरोसा होने लगता है.
प्रोसिक्यूशन पक्ष ने अपनी दलीलों में बताया कि सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीक़े से ये हत्या की गई थी. मामले की जांच कर रही पुलिस ने एक मनोचिकित्सक की मदद ली. जिसने बताया कि इस हत्या में उसकी बीमारी का बहुत ही कम रोल था.
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