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शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान, लॉन्च से पहले मां बोलीं– 'मिशन पूरा करो, फिर मिलेंगे'

SpaceX ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर रॉकेट लॉन्च होने की जानकारी दी है. फाल्कन 9, फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से ISS के लिए रवाना हुआ.

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Shubhanshu Shukla
लॉन्चिंग के दौरान शुभांशु के माता-पिता. (फोटो: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
25 जून 2025 (Updated: 25 जून 2025, 03:23 PM IST) कॉमेंट्स
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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गए हैं. एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4) के तहत, लंबे इंतजार के बाद उनका उनका स्पेसशिप लॉन्च हो गया है. उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद हैं. उन्हें स्पेसएक्स (SpaceX) के मशहूर फाल्कन 9 रॉकेट पर ले जाया जा रहा है.

शुभांशु, स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. उनसे पहले साल 1984 में राकेश शर्मा ने ऐसा किया था. 25 जून को जब शुभांशु स्पेस के लिए रवाना हो रहे थे, तब उनकी मां आशा शुक्ला उनको एक बड़ी स्क्रीन पर देख रही थीं. उन्होंने दोनों हाथ जोड़ रखे थे. वो प्रार्थना कर रही थीं और उनकी आंखों में आंसू थे. उनके बगल में बैठे शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला उत्साह से मुस्कुरा रहे थे.

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्चिंग से पहले शुभांशु ने अपने परिवार से कहा, ‘मेरा इंतजार करिए, मैं वापस आ रहा हूं.’ इसपर उनकी मां ने उनसे कहा, ‘जाओ और अपना मिशन पूरा करो, और फिर हम मिलेंगे’.

स्पेसएक्स ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर रॉकेट लॉन्च होने की जानकारी दी है. फाल्कन 9, फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुआ.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये लॉन्चिंग पहले 29 मई को होनी थी. लेकिन तकनीकी खराबी और अन्य कारणों से देरी होती रही. इस मिशन की अमेरिकी कमांडर पैगी व्हिटसन का कहना है कि अंतरिक्ष उड़ानों में रुकावटें और देरी होना सामान्य बात है. व्हिटसन के अलावा, शुभांशु के साथ हंगरी से एक्सपर्ट टिबोर कापू और पोलैंड से स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी फाल्कन 9 में मौजूद हैं.

Axiom-4 मिशन में आगे क्या?

ये स्पेसशिप अब अपने पहले से तय रास्ते पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. और फिर पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर उड़ते हुए ISS में प्रवेश करेगा. मिशन पायलट शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते और अन्य तकनीकी बातों के साथ-साथ स्पेसशिप की गति पर भी नजर रखेंगे. वो मिग-21, मिग-29, डोर्नियर-228, एएन-32 और सुखोई-30 एमकेआई सहित कई विमानों के टेस्ट पायलट रह चुके हैं. इस अंतरिक्ष यान के पायलट के रूप में उनकी भूमिका एक पर्यवेक्षक की होगी. यानी कि वो निगरानी, मार्गदर्शन और प्रबंधन का काम करेंगे.

ये भी पढ़ें: शुभांशु शुक्ला स्पेस में खाएंगे 'हलवा', 'आमरस', ISRO ने अपने 'हाथों' से बनाया है

Shubhanshu Shukla कौन हैं?

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना (IAF) के पायलट ग्रुप कैप्टन हैं. उनका जन्म लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. वो इंडियन एयरफोर्स के माहिर फाइटर पायलट हैं. उनके पास SU-30 MKI और MIG-29 जैसे खतरनाक लड़ाकू विमान उड़ाने का 2000 घंटे से ज्यादा का अनुभव है.

उन्होंने लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल से पढ़ाई की. फिर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) चले गए. उसके बाद आईआईएससी, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M Tech किया. उन्होंने अंतरिक्ष यात्री बनने की ट्रेनिंग रूस के गागरिन कोस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और ISRO के बेंगलुरु बेस पर ली. 2019 में उन्हें इस मिशन के लिए चुना गया था. तब से शुभांशु इस मिशन के लिए तैयारी कर रहे हैं.

वीडियो: सेहतः क्या है न्यूरो-ऑकुलर सिंड्रोम, अंतरिक्ष जाने वालों को होता है

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